By Shri Kamal Kishor Rawat
प्रकृति की गोद में बसा दक्षिण बस्तर दंतेवाडा जिला अपने अन्दर अद्भुत प्राकृतिक सौन्दर्य समेटे हुए है जिसकी अनुभूति आप यहाँ आकर ही महसूस कर सकते हैं। हरे भरे वन, पहाड़ नदी-नालों के अलावा यहाँ बहुत से झरने और जलप्रपात हैं जिसमे ऊंचाई से गिरती स्वच्छ, धवल कलरव करती उन्मुक्त जलधारा का प्राकृतिक सौन्दर्य आपको मंत्रमुग्ध कर देगा ऐसा ही एक जलप्रपात दंतेवाडा जिले के कटेकल्याण विकासखंड के मुनगा ग्राम में स्थित है जिसे “मुनगा जलप्रपात” के नाम से जाना जाता है ।
कैसे पहुंचे
दंतेवाडा जिला मुख्यालय से लगभग 50 किमी की दूरी सड़क मार्ग से तय करने के उपरांत आप कटेकल्याण विकासखंड मुख्यालय तक पहुँचते हैं, यहाँ से चिकपाल मार्ग पर लगभग 8 किमी पक्की सड़क के पश्चात दायें हाथ की ओर निर्माणाधीन प्रतापगिरी मार्ग पर लगभग 4 किमी का रास्ता तय कर चिकपाल पदामीपारा ग्राम तक पहुंचा जा सकता है। यहाँ से लगभग 2 किमी पैदल खुबसूरत और रोमांचक नेचर ट्रेल से गुजरते हुए आप मनमोहक “मुनगा जलप्रपात” के शिखर पर पहुँचते हैं, इसके बाद पगडंडी से उतरते हुए जलप्रपात के नीचे पंहुचा जा सकता है जहाँ से जलप्रपात के सुन्दर नज़ारे मन को मोह लेते हैं, यहाँ तक पहुँचने में होने वाली सारी थकान ऊंचाई से नीचे गिरती जलधारा से उड़ने वाली शीतल फुहारों में कहीं गुम हो जाती है ।
कब जायें
मानसून की बारिश के बाद सितम्बर से मार्च तक का समय यहाँ आने के लिए अनुकूल है ।
क्या करें
क्या न करें
प्रकृति ने हमें बहुत सी अनमोल सौगातें दी हैं, हरे भरे वन, ऊँचे पहाड़, झरने, नदी नाले, पशु पक्षी ये सभी और हम भी प्रकृति का ही हिस्सा हैं, किन्तु बुद्धिजीवी होने की वजह से हमारी इन सब के प्रति जिम्मेदारी भी सबसे अधिक है, इसलिए इन सभी के संरक्षण का ध्यान रखते हुए तथा पर्यावरण के प्रति अपना नैतिक दायित्व निभाते हुए दंतेवाडा जिले के मंत्रमुग्ध करने वाले “मुनगा जलप्रपात” के दर्शन जरुर करें ।
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